माना ज़रा सा नटखट है वो
निराली उसकी अदाये हैं,
देखो ना कान्हा में मेरे
कितने गुण समाये हैं…
कृष्ण-कन्हैया, मुरली बजैया
माखन चोर कहलावे है,
उठा के एक उंगल पे अपनी
पर्वत गोवर्धन दिखलावे है…
गोपियो संग रास रचावे
घाट-घाट पे घुमे है,
ले मदमस्त ग्वालो की टोली
गोकुल-गलियन में झुमे है…
जीवन जीने के सही मायने
गीता-उपदेश में सिखाये हैं,
देखो ना कान्हा में मेरे
कितने गुण समाये हैं…
Super se bhi uparrr😍
ReplyDeleteकान्हा का मधुर एवं सरल वर्णन ।। 👌👌
ReplyDeleteyupp
Delete🙏🏻♥️💯
ReplyDeletethnks
Delete❤️❤️❤️
ReplyDeletethnkq
DeleteBeautiful...
ReplyDeletethnks
Deleteartistical🔥
ReplyDelete👌👌👌👌
ReplyDeletethnks
Delete😂😂😂💛
ReplyDeletethnkq
DeleteWaah..❤️❤️
ReplyDeletethnkq
Deletesuperb se bhi upar ..❤♥👌✌😍
ReplyDeleteShreee shyam🙏 radhe radhe..🙏
thnkq
Deleteradhe radhe
tarif kru ky uski jisn yh bnya
ReplyDeleteradhy radhy ...
Wah wah 👏
ReplyDelete👏👏👏
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